tag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post5267773426589767195..comments2022-11-20T03:04:58.186-08:00Comments on सेतु साहित्य: अनूदित साहित्यसुभाष नीरवhttp://www.blogger.com/profile/03126575478140833321noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-51989891033331424452009-10-06T11:46:31.344-07:002009-10-06T11:46:31.344-07:00TUKDO-TUKDO MEIN SAARAA KAA SAARAA
VIVRAN PADHA H...TUKDO-TUKDO MEIN SAARAA KAA SAARAA <br />VIVRAN PADHA HAI.BAHUT ACHCHHA LAGAA HAI.KAEE NAYEE JANKAARIYAN <br />MILEE HAIN.BEHTREEN ANUWAD KE LIYE<br />YAADVENDRA JEE KO BADHAAEE.PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-57684061037442209332009-09-20T20:16:37.819-07:002009-09-20T20:16:37.819-07:00तुम हँस बोल रही थीं, पर कहीं थोड़ी बीमार भी लग रही ...तुम हँस बोल रही थीं, पर कहीं थोड़ी बीमार भी लग रही थीं और तुम्हारी आँखों से प्रेम और कोमलता जैसे हमेशा फूटती थी.niceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-75912765029474254432009-09-16T10:03:31.474-07:002009-09-16T10:03:31.474-07:00नेल्सन मंडेला का जीवन अत्यंत संघर्ष मय रहा है.वलिद...नेल्सन मंडेला का जीवन अत्यंत संघर्ष मय रहा है.वलिदानी व्यक्तियों का संघर्ष जितना कठोर होता है उनका हृदय उतना ही उदार होता है.नेल्सन मंडेला के जीवन के अन्तरंग पल यादवेन्द्र जी के सहज अनुवाद में जीवंत हो उठे हैं.नीरव जी को इस प्रस्तुति के लिए बधाई.सुरेश यादवhttps://www.blogger.com/profile/16080483473983405812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-88960292747552333982009-09-16T05:25:20.500-07:002009-09-16T05:25:20.500-07:00नीरव जी
बहुत सुन्दर ,सजीव सा अनुवाद किया है यादवे...नीरव जी <br />बहुत सुन्दर ,सजीव सा अनुवाद किया है यादवेन्द्र जी ने .....<br /><br />आप का भी बहुत आभार share करने का <br />आगे के अनुवादों का इंतज़ार रहेगा !! Ria Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07417119595865188451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-24223162515121108222009-09-16T02:30:26.345-07:002009-09-16T02:30:26.345-07:00ye padhkar khasi bechaini hai. prem ka aveg aur vi...ye padhkar khasi bechaini hai. prem ka aveg aur vivek bhi rishte ki jatilta ko suljha nahi pata. akhir ve donon alag ho gaye.<br />...ek ladke ki unki chah?Ek ziddi dhunhttps://www.blogger.com/profile/05414056006358482570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-28067542473823771502009-09-15T10:35:13.363-07:002009-09-15T10:35:13.363-07:00नेल्सन मंडेला के स्वातंत्र्य-संघर्ष और दक्षिण अफ्र...नेल्सन मंडेला के स्वातंत्र्य-संघर्ष और दक्षिण अफ्रीका के लिये उनके कई संबोधनों को मैं पहले कई बार सुन चुका हूं मिडिया में और प्रभावित भी था अपने किशोरावस्था से ही। यह भी सुना था कि उनके जेल-यात्रा की डायरी अत्यंत भावप्रवण और मर्मस्पर्शी हैं पर आज यादवेन्द्र जी का यह सहज-सुलभ डायरी पढ़ कर भावातिरेक हो गया! जेल -डायरी के ये पन्ने मंडेला के जीवन के संघर्ष के द्वंद्व की अप्रतिम गाथा है जिसमें प्रेम और जीवन-मूल्य की मोतियाँ छिपी हुई है। इसे पढकर एक ओर पाठक जहाँ नेल्सन के व्यक्तित्व के जीवन- उर्जा से भर कर आह्लादित हो उठता है तो वहीं दूसरी ओर उस महामानव की कंटकाकीर्ण जीवन-संघर्ष को देख उसके नयन अश्रु-पूरित हो जाते हैं।यादवेन्द्र जी का अनुवाद भी मूल रचना के बराबर है जो पाठक को अंत तक हिलने नहीं देता। भाई सुभाष नीरव जी, बहुत अच्छी और पठनीय चीज लगायी है आपने सेतु पर !Sushil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/09252023096933113190noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-6610172328355879242009-09-15T10:35:01.443-07:002009-09-15T10:35:01.443-07:00नेल्सन मंडेला के स्वातंत्र्य-संघर्ष और दक्षिण अफ्र...नेल्सन मंडेला के स्वातंत्र्य-संघर्ष और दक्षिण अफ्रीका के लिये उनके कई संबोधनों को मैं पहले कई बार सुन चुका हूं मिडिया में और प्रभावित भी था अपने किशोरावस्था से ही। यह भी सुना था कि उनके जेल-यात्रा की डायरी अत्यंत भावप्रवण और मर्मस्पर्शी हैं पर आज यादवेन्द्र जी का यह सहज-सुलभ डायरी पढ़ कर भावातिरेक हो गया! जेल -डायरी के ये पन्ने मंडेला के जीवन के संघर्ष के द्वंद्व की अप्रतिम गाथा है जिसमें प्रेम और जीवन-मूल्य की मोतियाँ छिपी हुई है। इसे पढकर एक ओर पाठक जहाँ नेल्सन के व्यक्तित्व के जीवन- उर्जा से भर कर आह्लादित हो उठता है तो वहीं दूसरी ओर उस महामानव की कंटकाकीर्ण जीवन-संघर्ष को देख उसके नयन अश्रु-पूरित हो जाते हैं।यादवेन्द्र जी का अनुवाद भी मूल रचना के बराबर है जो पाठक को अंत तक हिलने नहीं देता। भाई सुभाष नीरव जी, बहुत अच्छी और पठनीय चीज लगायी है आपने सेतु पर !Sushil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/09252023096933113190noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-32344791509747252922009-09-15T10:17:04.794-07:002009-09-15T10:17:04.794-07:00Yadavendra ji ke anupam anuvad kee saanjhedaaree k...Yadavendra ji ke anupam anuvad kee saanjhedaaree ka shukriya !<br /><br />Rekha Maitra <br />rekha.maitra@gmail.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-9286146704272441702009-09-15T09:46:27.946-07:002009-09-15T09:46:27.946-07:00नीरव जी ,
यादवेन्द्र जी द्वारा अनुदित ये नेल्...नीरव जी , <br /><br /> यादवेन्द्र जी द्वारा अनुदित ये नेल्सन मंडेला जी के महत्वपूर्ण दतावेज कहीं मन की तहों को झकझोर गए ...शायद किसी अपने से बहुत ज्यादा अपेक्षाये ही दूरियों की वजह बन जाती है .....यादवेन्द्र जी ने एक बार ये अनुवाद मुझे भेजे थे पर तब मैं पढ़ नहीं पाई थी ....आज आपके ज़रिये यह मलाल भी जाता रहा ....इनका अनुवाद तो लाजवाब होता है ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-9969180863758027852009-09-15T03:50:05.085-07:002009-09-15T03:50:05.085-07:00मत्त्वपूर्ण सामग्री के लिए धन्यवद कुछ न कुछ नया कर...मत्त्वपूर्ण सामग्री के लिए धन्यवद कुछ न कुछ नया करते रहने से सेतु साहित्य बहुतों को जोड़ रहा है ।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-46702044609341149412009-09-15T01:29:48.829-07:002009-09-15T01:29:48.829-07:00भाई सुभाष,
श्री यादवेन्द्र जी द्वारा अनूदित नेल्...भाई सुभाष,<br /><br />श्री यादवेन्द्र जी द्वारा अनूदित नेल्शन मांडेला के अपनी पत्नी के नाम लिखे गये पत्रों को प्रकाशित करके तुमने एक महत्वपूर्ण कार्य किया है. बहुत ही सुन्दर अनुवाद है. अबाधित पठनीयता और कलात्मक भाषा. दोंनो को बधाई.<br /><br />रूपसिंह चन्देलरूपसिंह चन्देलhttps://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.com