tag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post5392635711141457852..comments2022-11-20T03:04:58.186-08:00Comments on सेतु साहित्य: अनूदित साहित्यसुभाष नीरवhttp://www.blogger.com/profile/03126575478140833321noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-64101446334561068722009-10-14T02:30:39.334-07:002009-10-14T02:30:39.334-07:00यादवेन्द्रजी आपका अनुवाद कार्य यहां-वहां पढ़ने को...यादवेन्द्रजी आपका अनुवाद कार्य यहां-वहां पढ़ने को मिल ही जाता है. नेल्सन मंडेला पर आपका अनुवाद कार्य मंडेला को और अधिक पढ़ने के लिए विवश करता है. बधाई..<br />'ज्ञानोदय' अक्टूबर 09 में आपकी चयनित और अनुदित कविताएं भी पठनीय हैं एवं खाड़ी देशों जो खासकर अपनी कट्टरता और पिछड़ेपन के लिए भी कुख्यात हैं, वहां प्रेम की ऐसी मौलिक अभिव्यक्तियां पढ़ना सुखद अचरज से कम नहीं हैं. <br />दीप पर्व की अनेक शुभकामनाओं सहित..<br />- प्रदीप जिलवाने, खरगोन म.प्र.प्रदीप जिलवानेhttps://www.blogger.com/profile/08193021432011337278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-61748531214002582602009-10-11T20:40:14.286-07:002009-10-11T20:40:14.286-07:00यादवेन्द्र जी ने महत्वपूर्ण सामग्री उपलब्ध करवाई. ...यादवेन्द्र जी ने महत्वपूर्ण सामग्री उपलब्ध करवाई. मांडेला का वक्तव्य उल्लेखनीय है. उक्त पंक्तियों ने सोचने के लिए विवश किया : <br /><br />"देश का पिता बनना एक नायाब सम्मान है लेकिन एक परिवार का पता बनने में सुख ज्यादा है - पर अफ़सोस यह सुख मेरे हिस्से बहुत थोड़ा ही आ पाया।"<br /><br />बधाई तुम्हे इसे पढ़वाने के लिए और अनुवादक को खूबसूरत अनुवाद के लिए.<br /><br />चन्देलरूपसिंह चन्देलhttps://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-80428794602798761562009-10-11T00:47:58.706-07:002009-10-11T00:47:58.706-07:00नेल्सन मंडेला ,जिनका सारा जीवन ही राजनितिक और सामा...नेल्सन मंडेला ,जिनका सारा जीवन ही राजनितिक और सामाजिक संघर्ष में बीता.उनके आतंरिक जीवन का इतना विश्वसनीय उदघाटन सचमुच एक उपलब्धि है.आप को हार्दिक बधाई.सुरेश यादवhttps://www.blogger.com/profile/16080483473983405812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-45323631458752415762009-10-09T03:27:52.992-07:002009-10-09T03:27:52.992-07:00अच्छा लगा पढना...मैंने पहली बार ही पढ़ा है मंडेला ज...अच्छा लगा पढना...मैंने पहली बार ही पढ़ा है मंडेला जी का वक्तव्य...<br /><br />आभार आपका पढ़वाने के लिए...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6997446212978643481.post-55106712819448037962009-10-05T12:08:03.005-07:002009-10-05T12:08:03.005-07:00अलगाव हमेशा ही पीड़ा देती है....पर देश प्रेम की भाव...अलगाव हमेशा ही पीड़ा देती है....पर देश प्रेम की भावना को सर्वोपरी समझने वालों के लिए सारा विश्व ही इक परिवार है <br /><br />मार्मिक लेख ! Ria Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07417119595865188451noreply@blogger.com