शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

अनूदित साहित्य






पंजाबी कविता

अमिया कुंवर की कविताएँ


ठंडक

तेरे मिलन के क्षण
जैसे मरुस्थल में से गुजरते हुए
दो घूंट जल मिलने पर
भीतर तक ठंडक पहुँच जाए।

ठौर

उम्रें बीतीं
रिश्तों के बीहड़ गाहते

तुझे देखा
ठौर मिल गई।


स्याही चूस

मुहब्बत से
लबालब भरा आपा
छलकने को बेताब
कहीं छलक न जाए
बिखर न जाए

इससे पहले
जज्बों की बूँद
ज़िन्दगी के सफ़े पर
धब्बा बन फैल जाए

आ, स्याही चूस बन
इस सफ़े पर बिछ जा
मेरे अस्तित्व को
अपने में सोख ले।


ख़ैरात

रूह को थी
एक बुरकी की भूख
एक घूंट की प्यास

तेरे सामने
काँसा करते ही
तूने अपने जिस्म की
सारी भूख, प्यास
इसकी खैरात कर दी।


यादों की राख

यादों की राख तले
अभी भी मुहब्बत के
अंगारे सुलगते हैं

नंगी उंगलियों से
राख खंगाली
तो अहसास हुआ
किसी रिश्ते की चिमटी नहीं मिली मुझे।


यादें

खूंटी से बांध कर रखी थीं
कब से
तेरी यादें
तुझे सामने देखते ही
रस्सी तुड़ाकर भाग गईं।


दुविधा

सिरहाने तेरी यादें
पैताने तेरी मुहब्बत
बाही - पीठ फेरे तेरा वजूद
समझ में नहीं आता
करवट किस तरफ़ बदलूँ...
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पंजाबी की चर्चित कवयित्री।
प्रकाशित पुस्तकें : पहला कविता संग्रह हिंदी में 'समय गवाही देगा' 1987 में प्रकाशित। तीन कविता संग्रह पंजाबी में - छिणों की गाथा(2000), कवियो वाच(2006), धम्मी वेला(2009)। आलोचना की दो पुस्तकें - बिम्ब विधान और पंजाबी प्रगीत(2000) और गुरमुखी लिपि पर हिंदी भाषा का प्रभाव(2003)। दो संपादित पुस्तकें - अखरां दी जाई(2005) और जश्न जारी है(2006)। इसके अतिरिक्त 55 से अधिक पुस्तकों का अंग्रेजी और हिंदी से पंजाबी में, पंजाबी से हिंदी में अनुवाद। मुख्य तौर पर अमृता प्रीतम, नेशनल बुक ट्रस्ट, प्रथम बुक्स, अजीत कौर, कुसुम अंसल, सिम्मी हर्षिता, डा. संगत सिंह, देविंदर सिंह, डा. हरबंस सिंह चावला, कमल कुमार और हंसराज रहबर की पुस्तकों का अनुवाद।