मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

अनूदित साहित्य


पंजाबी कविता


पंजाबी की बहुचर्चित लेखिका सुरिन्दर नीर ने पिछले दिनों फेसबुक पर नवतेज भारती जी की एक छोटी-सी बहुत खूबसूरत कविता पंजाबी में पोस्ट की। कविता मुझे इतनी अच्छी लगी कि मैंने इसका तुरन्त हिंदी में अनुवाद किया। आजकल नवतेज जी दिल्ली में आए हुए हैं। मैंने उनका फोटो फेस बुक से लिया तथा उनके बारे में संक्षिप्त जानकारी विकिपीडिया से ली। नवतेज भारती पंजाबी के बहुत बड़े और अग्रज कवि हैं। इन दिनों लंदन, ऑनटरियो में रहते हैं। पंजाबी और अंग्रेजी में इनकी पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। ‘सिम्बल दे फुल्ल’(1968), ‘लीला’ (1999)-(अजमेर रोडे के साथ), एंडलैस आई(2002) प्रकाशित हो चुकी हैं। वर्ष 1959, 1960 और 1961 में लगातार तीन वर्षों तक इन्हें कविता के लिए ‘बेस्ट पोइट आफ़ स्टेट अवार्ड’ से नवाज़ा जा चुका है और वर्ष 2003 में ‘बेस्ट ऑवरसीज़ ऑथर अवार्ड’ का भी सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। इनका मेल आई डी है- navtejbharati@gmail.com फोन नंबर है- 08826939917 नवतेज भारती जी फेसबुक पर भी उपलब्ध हैं-http://www.facebook.com/profile.php?id=1429587564&sk=wall


धरती की बोली
नवतेज भारती
हिंदी अनुवाद : सुभाष नीरव

धरती की बात करते समय
हमारे शब्दों में
पत्तियों की हरियाली
चमकने लगती है
वृक्षों का साहस
समा जाता है

धरती की बात करते समय
हमारे शब्दों में
कपास खिल उठती है
आम टसकने लगते हैं

धरती की बात करते समय
हमारी बोली -
मीठी हो जाती है।
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